प्रधानमंत्री मोदी ने किया 400 करोड़ के पुनर्निर्माण कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास व् आदि गुरू शंकराचार्य के पुनर्निर्मित समाधि स्थल और नई प्रतिमा का अनावरण।

प्रधानमंत्री मोदी ने किया 400 करोड़ के पुनर्निर्माण कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास व् आदि गुरू शंकराचार्य के पुनर्निर्मित समाधि स्थल और नई प्रतिमा का अनावरण।

रुद्रप्रयाग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केदारनाथ धाम में गोवर्धन पूजा के अवसर पर शुक्रवार को बाबा केदार की पूजा-अर्चना एवं जलाभिषेक किया। इस दौरान उन्होंने लगभग 400 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इसमें आदि गुरू श्री शंकराचार्य जी के पुनर्निर्मित समाधि स्थल

रुद्रप्रयाग

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केदारनाथ धाम में गोवर्धन पूजा के अवसर पर शुक्रवार को बाबा केदार की पूजा-अर्चना एवं जलाभिषेक किया। इस दौरान उन्होंने लगभग 400 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इसमें आदि गुरू श्री शंकराचार्य जी के पुनर्निर्मित समाधि स्थल और नई प्रतिमा का अनावरण के साथ तीर्थ पुरोहितों के आवास, सरस्वती नदी के तट पर बाढ़ सुरक्षा तथा घाटों का निर्माण, मन्दाकिनी नदी तट पर बाढ़ सुरक्षा हेतु भार वाहक दीवार, गरुड़ चट्टी के लिये मन्दाकिनी नदी पर पुल के निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री द्वारा जिन योजनाओं का शिलान्यास किया गया उनमें श्री केदारनाथ धाम में संगम घाट का पुनर्विकास एवं रैन शैल्टर शेड, प्राथमिक चिकित्सा एवं पर्यटक सुविधा केन्द्र, मन्दाकिनी आस्था पथ पंक्ति प्रबन्धन, मन्दाकिनी वाटर एटीएम एवं मन्दाकिनी प्लाजा, प्रशासनिक कार्यालय एवं अस्पताल भवन, केदारनाथ तीर्थ स्थल में संग्रहालय (म्यूजियम) परिसर, सरस्वती सिविक एमेनिटी भवन का निर्माण कार्य शामिल है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केदारनाथ पुनर्निर्माण को उन्होंने ’ईश्वरी कृपा’ बताया और इसमें योगदान देने वाले प्रत्येक व्यक्ति का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि केदारनाथ में भारत की संस्कृति की व्यापकता का आलौकिक दृश्य दिखाई देता है। यहां आकर महसूस होता है कि भारत की ऋषि परंपरा कितनी महान है। उन्होंने कहा कि गरुड़चट्टी से मेरा पुराना नाता है। मेरा सौभाग्य है कि गोवर्धन पूजा के दिन उन्हें केदारनाथ दर्शन का सौभाग्य मिला है। 2013 की आपदा के दौरान मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था। इस दौरान केदारनाथ आपदा को याद कर प्रधानमंत्री मोदी भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि आपदा में जो नुकसान यहां हुआ, वो अकल्पनीय था। हर कोई सोचता था कि क्या ये हमारा केदारनाम धाम फिर से उठ खड़ा हो पाएगा, लेकिन उन्हें पूरा विश्वास था कि यह धाम पहले से अधिक आन-बान-शान के साथ खड़ा होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने केदारनाथ के पुनर्निर्माण का जो सपना देखा था वो आज पूरा हो रहा है। इस आदि भूमि पर शाश्वत के साथ आधुनिकता का ये मेल, विकास के ये काम भगवान शंकर की सहज कृपा का ही परिणाम हैं। उन्होंने पुनर्निर्माण कार्यों में तत्परता दिखाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की तारीफ की। साथ ही उन्होंने इन पुनीत प्रयासों के लिए मंदिर के रावल, पुजारियों और इन निर्माण कार्यों की जिम्मेदारी उठाने वाले सभी लोगों को भी धन्यवाद दिया। खासतौर पर उन्होंने पुनर्निर्माण कार्य करने वाले श्रमिकों का धन्यवाद करते हुए कहा कि बर्फबारी और कड़कड़ाती ठंड के बीच यहां निर्माण का काम करना बेहद मुश्किल था।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आदि गुरु शंकराचार्य जी ने पवित्र मठों की स्थापना की और द्वादश ज्योतिर्लिंगों के पुनर्जागरण का काम किया। बाल्यावस्था में ही उन्होंने सबकुछ त्यागकर देश, समाज और मानवता के लिए जीने वालों के लिए एक सशक्त परंपरा खड़ी की है। आज हम सभी आदि शंकराचार्य जी की समाधि की पुनः स्थापना के साक्षी बन रहे हैं। हमारे यहां सदियों से चारधाम यात्रा का महत्व रहा है। तीर्थाटन हमारे यहां जीवन काल का हिस्सा माना गया है। उन्होंने देशवासियों का आह्वान किया कि वे तीर्थ और धार्मिक स्थलों का भ्रमण जरूर करें। इसके अलावा उन्होंने कहा कि आज अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर पूरे गौरव के साथ बन रहा है, अयोध्या को उसका गौरव वापस मिल रहा है। अभी दो दिन पहले ही अयोध्या में दीपोत्सव का भव्य आयोजन पूरी दुनिया ने देखा। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने अयोध्या, काशी और मथुरा का जिक्र किया। वहीँ प्रधानमंत्री ने कहा कि भविष्य में यहां केदारनाथ तक श्रद्धालु केबल कार के जरिए आ सकें, इससे जुड़ी प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। यहां पास में ही पवित्र हेमकुंड साहिब जी भी हैं। हेमकुंड साहिब जी के दर्शन आसान हों, इसके लिए वहां भी रोप-वे बनाने की तैयारी है। और आने वाले 10 वर्षों में यहां पिछले 100 वर्षों से अधिक श्रद्धालु यात्रा के लिए पहुंचेंगे। उत्तराखंड के लोगों ने कोरोना संक्रमण में साहस का परिचय दिया। कोरोना टीकाकरण की पहली डोज में शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया है। ये उत्तराखंड की ताकत है, सामर्थ्य है। पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी अब उसी के काम आएगी, पलायन रुकेगा। इसके लिए प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री धामी को धन्यवाद भी दिया। कहा कि मुझे पूरा विश्वास है जितनी ऊंचाई पर उत्तराखंड है भविष्य में वह उतनी ही ऊंचाई हासिल करेगा।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि आदि गुरु शंकराचार्य भारत की राष्ट्रीय एवं आध्यात्मिक चेतना के सूत्रधार थे। भारत की गौरवशाली संस्कृति, परंपराओं, वेदों एवं उपनिषेदों के असीम ज्ञान के संरक्षण व संवर्धन का श्रेय आदिगुरू शंकराचार्य जी को ही जाता है। उनकी इसी महान परंपरा को आगे बढ़ाने का कार्य आज हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हो रहा है। आज का दिन भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। केन्द्र सरकार के सहयोग से राज्य में ऐसे बहुत से काम हुए हैं, जो पहले नामुमकिन लग रहे थे। पिछले पांच वर्षों में केन्द्र सरकार द्वारा करीब एक लाख करोड़ रूपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाएं प्रदेश के लिये स्वीकृत हुई है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व और मार्गदर्शन में हमारी सरकार उत्तराखंड में जो विकास कार्य कर रही है वे ’’न भूतो न भविष्यति’’ हैं। इस अवसर पर राज्यपाल ले.ज.(से.नि) गुरमीत सिंह, कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत, सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री  तीरथ सिंह रावत, विधायक एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक आदि भी उपस्थित थे।

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