डॉक्टर्स डे पर एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने कोविडकाल में उल्लेखनीय योगदान के लिए चिकित्सकों को प्रशस्तिपत्र भेंटकर किया सम्मानित, कहा हर परिस्थिति में अपने चिकित्सा धर्म का पालन करें।

डॉक्टर्स डे पर एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने कोविडकाल में उल्लेखनीय योगदान के लिए चिकित्सकों को प्रशस्तिपत्र भेंटकर किया सम्मानित, कहा हर परिस्थिति में अपने चिकित्सा धर्म का पालन करें।

ऋषिकेश डॉक्टर्स डे के अवसर पर एम्स ऋषिकेश में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े महापुरुषों प्रो. बीसी रॉय, मदर टेरेसा, डा. द्वारका नाथ कोटनीस, सिस्टर फ्लोरेंस नाइटिंगिल आदि का भावपूर्ण स्मरण किया गया। कार्यक्रम में अस्पताल प्रशासन द्वारा

ऋषिकेश

डॉक्टर्स डे के अवसर पर एम्स ऋषिकेश में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े महापुरुषों प्रो. बीसी रॉय, मदर टेरेसा, डा. द्वारका नाथ कोटनीस, सिस्टर फ्लोरेंस नाइटिंगिल आदि का भावपूर्ण स्मरण किया गया। कार्यक्रम में अस्पताल प्रशासन द्वारा तैयार की गई कार्य की गुणवत्ता में सुधार के लिए क्वालिटी हैंडबुक का विमोचन किया गया। इस अवसर पर एम्स के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने कोविडकाल में उल्लेखनीय योगदान देने वाले चिकित्सकों को संस्थान की ओर से प्रशस्तिपत्र भेंटकर सम्मानित भी किया। एम्स निदेशक ने अपने संदेश में चिकित्सकों से आह्वान किया कि हमेशा बीमार की चिकित्सा सेवा का धर्म याद रखें और जब भी जीवन में अवसर मिले हर परिस्थिति में अपने चिकित्सा धर्म का पालन करें। आयोजित कार्यक्रम में निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने कहा ​कि एम्स ऋषिकेश में सेवारत सभी लोग एक टीम की तरह हैं,लिहाजा सभी टीम के सदस्यों को हमेशा संस्थान को आगे बढ़ाने के लिए कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सभी लोग मिलकर मरीजों की जितनी अधिक चिकित्सा सेवा करेंगे, उससे न सिर्फ हमारी व्यक्तिगत प्रगति होगी, बल्कि एम्स संस्थान, हमारे प्रदेश और देश की भी उतनी ही उन्नति होगी। साथ ही उन्होंने संस्थान के चिकित्सकों से उत्तराखंड जैसे पहाड़ी प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं से विहींन सुदूरवर्ती क्षेत्रों में पहुंचकर जरुरतमंद लोगों के लिए संकल्पबद्ध होकर कार्य करने का आह्वान किया और चिकित्सकों व हैल्थ केयर वर्कर्स को डॉक्टर्स डे की बधाई दी। उन्होंने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में कार्य करने वाले सभी लोगों द्वारा दिल से की गई सेवाओं की वजह से ही वे आज याद किए जाते हैं और हमेशा किए जाएंगे।

निदेशक प्रो.रवि कांत ने संस्थान के चिकित्सकों को पढ़ाई के साथ साथ अनुसंधान, शिक्षण कार्य, चिकित्सा व सर्जरी के क्षेत्र में नए अनुसंधान के लिए आगे आने को प्रेरित किया। डीन एकेडमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता ने चिकित्सकों को मरीजों की सेवा के साथ साथ अपने विभागीय स्तर पर भी बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया। डीन हॉस्पिटल अफेयर्स प्रो. यूबी मिश्रा ने कोरोना वॉरियर्स चिकित्सकों व हैल्थ केयर वर्करों को प्रोत्साहित किया और कहा कि सभी को इसी तरह मिल जुलकर कार्य करना चाहिए, जिससे जटिल से जटिल टास्क को भी आसानी से हासिल किया जा सके। कार्यक्रम के आयोजन में डॉ. अनुभा अग्रवाल, डॉ. गौरव चिकारा व डा.पूजा भदौरिया ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस अवसर पर एमएस प्रो. बीके बस्तिया, प्रो. सोमप्रकाश बासू, प्रो. संदीप एस. पाटिल, प्रो. डीके त्रिपाठी, डॉ. गिरीश सिंधवानी, डॉ. राेहित गुप्ता, डॉ. रजनीश अरोड़ा, डॉ. मीनाक्षी धर, डॉ नम्रता गौर, डॉ. अमित त्यागी, डॉ. पीके पंडा, डॉ. पंकज शर्मा, डॉ. अंकुर मित्तल, डॉ. मधुर उनियाल, डॉ. यशवंत सिंह पयाल, डॉ. भारतभूषण भारद्वाज, डॉ. महेंद्र सिंह, डॉ. अजय कुमार, डॉ. अभिषेक अग्रवाल, डॉ. सुब्रह्मण्यम, डॉ. निधि लेले, डॉ. अंकित अग्रवाल, डॉ. भियांराम, डॉ. पूर्वी कुलश्रेष्ठा, डॉ. मृदुल धर आदि मौजूद रहे।

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