चार धामों में से तीन धामों के कपाट विधिविधान से शीतकाल के लिए बंद, अभी तक चारो धामों में साढ़े चार लाख से अधिक तीर्थ यात्री पहुंचे दर्शनों के लिए।

चार धामों में से तीन धामों के कपाट विधिविधान से शीतकाल के लिए बंद, अभी तक चारो धामों में साढ़े चार लाख से अधिक तीर्थ यात्री पहुंचे दर्शनों के लिए।

देहरादून उत्तराखंड के चार धामों में से तीन धामों श्री केदारनाथ, गंगोत्री यमुनोत्री धाम विधिविधान से शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं। श्री गंगोत्री धाम के कपाट कल 4 नवंबर को गोवर्धन पूजा के दिन पूर्वाह्न 11 बजकर 45 मिनट पर बंद हो गये।

देहरादून

उत्तराखंड के चार धामों में से तीन धामों श्री केदारनाथ, गंगोत्री यमुनोत्री धाम विधिविधान से शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं। श्री गंगोत्री धाम के कपाट कल 4 नवंबर को गोवर्धन पूजा के दिन पूर्वाह्न 11 बजकर 45 मिनट पर बंद हो गये। कपाट बंद होने के बाद मां गंगा की उत्सव डोली विभिन्न पड़ावों से होते हुए शीतकालीन गद्दीस्थल मुखवा पहुंचेगी। आज श्री केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट आज बंद हुए हैं, जबकि 20 नवंबर को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होंगे। और 22 नवंबर को द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर जी के कपाट बंद होंगे, श्री मद्महेश्वर भगवान की विग्रह डोली के 25 नवंबर को शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचने की तिथि पर मद्महेश्वर मेला आयोजित होगा। उत्तराखंड चार धामों में प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ मंदिर के कपाट आज शनिवार भैया दूज वृश्चिक राशि अनुराधा नक्षत्र में समाधि पूजा-प्रक्रिया के पश्चात विधि-विधान से शीतकाल हेतु बंद हो गये बर्ह्ममुहुर्त से कपाटबंद होने की प्रक्रिया शुरू हुई। प्रात: 6 बजे पुजारी बागेश लिंग ने केदारनाथ धाम के दिगपाल भगवान भैरवनाथ जी का आव्हान कर धर्माचार्यों की उपस्थिति में स्यंभू शिव लिंग को विभूति तथा,शुष्क फूलों से ढककर समाधि रूप में विराजमान किया। ठीक सुबह 8 बजे मुख्य द्वार के कपाट शीतकाल हेतु बंद कर दिये गये। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी रहे। बर्फ की सफेद चादर ओढ़े श्री केदारनाथ धाम से पंच मुखी डोली ने सेना के बैंड बाजो की भक्तमय धुनों के बीच मंदिर की परिक्रमा कर विभिन्न पड़ावों से होते हुए शीतकालीन गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ के लिए प्रस्थान किया। देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली ने मंदिर की परिक्रमा के बाद जय श्री केदार के उदघोष के बाद पहले पड़ाव रामपुर के लिए प्रस्थान किया। कल 7 नवंबर डोली विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी प्रवास हेतु पहुंचेगी। 8 नवंबर को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली के पंच केदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ विराजमान हो जायेगी इसी के साथ भगवान भगवान केदारनाथ जी की शीतकालीन पूजा शुरू हो जायेगी। चारो धामों में साढ़े चार लाख से अधिक तीर्थ यात्री पहुंचे। अभी तक दो लाख चालीस हजार से अधिक तीर्थयात्री केदारनाथ धाम पहुंचे है।

यमुनोत्री धाम के कपाट भी आज शीतकाल हेतु भैयादूज यम द्वितीया पर अपराह्न 12 बजकर 15 मिनट पर विधि-विधान पूर्वक बंद कर दिये गये हैं। उल्लेखनीय है धर्मग्रंथों के अनुसार श्री यमुना जी को यम देव अर्थात धर्मराज जी की बहिन कहा जाता है यमदेव‌ मृत्यु के देवता है मां यमुना के दर्शन मात्र से जनमानस को मृत्यु भय से मुक्ति मिलती है। कपाटबंद होने के अवसर पर बड़ी संख्या में तीर्थ पुरोहित, श्रद्धालुजन, स्थानीय लोग मौजूद रहे । कपाटबंद होने के बाद मां यमुना की जयकारों के साथ उत्सव डोली ने शीतकालीन गद्दी स्थल खरसाली के लिए प्रस्थान किया। जिलाधिकारी उत्तरकाशी मयूर दीक्षित ने बताया कि इस यात्रा वर्ष श्री यमुनोत्री धाम में तैंतीस हजार से अधिक तीर्थयात्री दर्शन को पहुंचे और 33166 तीर्थयात्री श्री गंगोत्री धाम पहुंचे हैं। प्रदेश के राज्यपाल महामहिम गुरूमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, सहित प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, विधान सभा अध्यक्ष प्रेम चंद्र अग्रवाल ने धामों के कपाट बंद होने पर शुभकामनाएं दी और कहा कि कोरोना काल के बावजूद यात्रा सफलता पूर्वक संपन्न हो रही है।

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