ऋषिकेश परमार्थ निकेतन में ‘‘नव वर्ष, नव जीवन’‘ रिट्रीट का शुभारम्भ परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती के द्वारा किया गया। इस दौरान परमार्थ निकेतन, गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने रिट्रीट में सहभाग करने वाले सभी प्रतिभागियों का गर्मजोशी से स्वागत किया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती
ऋषिकेश
परमार्थ निकेतन में ‘‘नव वर्ष, नव जीवन’‘ रिट्रीट का शुभारम्भ परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती के द्वारा किया गया। इस दौरान परमार्थ निकेतन, गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने रिट्रीट में सहभाग करने वाले सभी प्रतिभागियों का गर्मजोशी से स्वागत किया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने ‘सकारात्मकता और कृतज्ञता’ के दृष्टिकोण के महत्व को बताते हुए कहा कि अपनी प्रतिज्ञाओं और संकल्पों के साथ नव वर्ष में प्रवेश करें। जीवन में छोटे छोटे बदलाव कर स्वस्थ और हरित जीवन शैली अपनाकर समृद्ध समाज के निर्माण में अपना योगदान दें।
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि आज वर्ष 2022 का अन्तिम दिन है और सभी नव वर्ष का स्वागत करने के लिए तैयार हैं। वर्ष 2023 सभी के लिये मंगलमय हो, सभी को जीवन का श्रेष्ठ पथ प्राप्त हो, सभी के जीवन में दिव्यता का जागरण हो और यह वर्ष हमें श्रेष्ठ गंतव्य की ओर लें जायें, सभी स्वास्थ्य और खुशहाल रहें, सभी का आध्यात्मिक उत्थान हो, हमारे देश में समृद्धि और सद्भाव से परिपूर्ण वातावरण बना रहें। जिसके लिए परमार्थ निकेतन माँ गंगा के तट से सभी के लिये विशेष प्रार्थना एवं शुभकामनायें। स्वामी सरस्वती ने कहा कि नव वर्ष में ‘साधना, सेवा और समर्पण’ इन तीन पिलर्स के माध्यम से अपने जीवन को शुद्ध, बुद्ध और समृद्ध करें। नव वर्ष के अवसर पर सब अपनी पर्यावरण अनुकूल दिनचर्या बनायें, जिसमें नियमित रूप से प्रातःकाल उठना, योग, ध्यान, प्राणायाम, कम से कम एक हजार तेज कदम चलना, रात्रि को जल्दी सोना और सात्विक व जैविक आहार ग्रहण करने संकल्प करें क्योंकि संकल्प ही हमारे जीवन को स्वस्थ, समृद्ध और सशक्त बनाता हैं। संकल्प से ही सिद्धि होती है।
उन्होंने आह्वान किया, आईये नव वर्ष की शुरूआत ग्रीन प्लेज और ग्रीन रेजोल्यूशन से करें क्योंकि दिन प्रतिदिन ग्लोबलवार्मिग बढ़ती जा रही है। नदियां प्रदूषित हो रही है, पृथ्वी का तापमान बढता जा़ रहा है, भूजल का स्तर कम होता जा रहा है, जिससे न केवल मानव बल्कि प्रकृति भी प्रभावित हो रही है इसलिये हमें ग्रीन संकल्पों के साथ नव वर्ष में प्रवेश करना होगा।जिसके लिए सबको जीवन में छोटे-छोटे परिवर्तन कर, स्वस्थ व हरित जीवन पद्धति को स्वीकार करना होगा। हमें रिडयूस, रीयूज, रिसाइकल और सर्कुलर इकोनामी के साथ ईकोलाजी पर विशेष ध्यान देना होगा तथा पारम्परिक भारतीय जीवन शैली को स्वीकार करना होगा तभी इन विकाराल समस्याओं का समाधान प्राप्त किया जा सकता है। नव वर्ष में मिशन-लाइफ के 75 सूत्रों को अपनाने का संकल्प ले। क्योंकि दुनिया में बड़े बदलाव के लिये स्वयं से शुरूआत करनी होगी।
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