समीक्षा बैठक में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने लापरवाह अधिकारियों को फटकार लगाते हुए जनता के प्रति जिम्मेदारी तय करने के दिये निर्देश।

देहरादून  महालक्ष्मी योजना का लाभ अब बालिका के साथ बालक को भी मिलेगा  वात्सल्य योजना के तहत अभी तक 4 हजार से अधिक बच्चे हो चुके लाभान्वित विधानसभा स्थित कार्यालय में कैबिनेट  रेखा आर्या ने महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक ली।

देहरादून 

महालक्ष्मी योजना का लाभ अब बालिका के साथ बालक को भी मिलेगा 

वात्सल्य योजना के तहत अभी तक 4 हजार से अधिक बच्चे हो चुके लाभान्वित

विधानसभा स्थित कार्यालय में कैबिनेट  रेखा आर्या ने महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान उन्होंने महिला सशक्तिकरण और बाल विकास विभाग से संबंधित अलग अलग विषयों पर अधिकारियों से चर्चा की। अधिकरियों को निर्देशित करते हुए उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी अपनी जिम्मेदारी को समझें व विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यो को प्राथमिकता के साथ रखें। वात्सल्य योजना का जो 31 मार्च तक का समय है जिसे की 31 मार्च 2021 से शुरू किया गया था जो कि 31 मार्च 2022 तक समाप्त हो रही है उसका किस तरह से बच्चो को लाभ मिले इसे लेकर अधिकारियों को निर्देशित किया । गौरतलब है कि अभी तक  वात्सल्य योजना में  4057 बच्चे आ चूके हैं जिन्हें जल्द ही तीन से चार दिनों के अंदर 3 हजार की आर्थिक सहायता राशि प्रदान कर दी जाएगी।

महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने नारी निकेतन को भी सशक्त करने के निर्देश देते हुए कहा कि नारी निकेतन में रह रहीं महिलाओं को किसी प्रकार की दिक्कत ना हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए। इसके अतिरिक्त नंदा गौरा योजना जिसमें की वर्ष 2020-21 व 2021-22 की बालिकाएं लाभ लेने से वंचित रह गई हैं उसको लेकर आगामी बजट में प्रावधान कर लिया जाए। महालक्ष्मी योजना के तहत अधिकारियों को निर्देश दिये कि दो बालिकाओं के जन्म पर जो किट दी जाती थी उसमे अब एक बालक होने पर भी किट दी जाएगी ,इसे लेकर अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। कैबिनेट से मंजूरी मिलते ही इस योजना को लागू कर दिया जाएगा । वहीँ सेनेटरी पेड और नेपकिन को लेकर उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक बालिकाओ तक सेनेटरी नैपकिन पहुंचे इसको लेकर आंगनबाड़ी कार्यक्रतियो को एक रुपये का इंसेंटिव निर्धारित किया हुआ है । पोषण अभियान के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से दूध,केला ,अंडा गर्भवती महिलाओं और 6 वर्ष तक के बच्चो को दिए जाने के साथ ही गुणवत्ता में किसी तरह की शिकायत ना आने पाय।

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