सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मसूरी गोलीकांड के शहीदों को दी श्रंद्धांजलि, कहा राज्य आन्दोनकारियों के उद्देश्य के अनुरूप ही राज्य को आगे बढ़ाया जायेगा।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मसूरी गोलीकांड के शहीदों को दी श्रंद्धांजलि, कहा राज्य आन्दोनकारियों के उद्देश्य के अनुरूप ही राज्य को आगे बढ़ाया जायेगा।

मसूरी  उत्तराखण्ड राज्य निर्माण में 2 सितंबर 1994 को मसूरी गोलीकांड की 27 वी वर्षगांठ पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी , केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट, सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी सहित कांग्रेस, उत्तराखण्ड क्रान्ति दल के नेताओ ने मसूरी झूलाघर शहीद स्थल पहुँच

मसूरी 

उत्तराखण्ड राज्य निर्माण में 2 सितंबर 1994 को मसूरी गोलीकांड की 27 वी वर्षगांठ पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी , केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट, सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी सहित कांग्रेस, उत्तराखण्ड क्रान्ति दल के नेताओ ने मसूरी झूलाघर शहीद स्थल पहुँच कर गोलीकांड में मारे गए शहीदों को अपने श्रदासुमन अर्पित कर श्रधांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने इस दौरान कहा कि उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के लिए मसूरी गोलीकांड में बेलमती चौहान, हंसा धनई, बलवीर सिंह नेगी, धनपत सिंह, मदन मोहन ममगाईं, राय सिंह बंगारी ने अपने प्राणों की आहुति दी। राज्य आन्दोलनकारियों के बलिदान के कारण ही हमें उत्तराखण्ड राज्य मिला और राज्य आन्दोनकारियों ने जिस उद्देश्य से अलग राज्य की मांग की थी, उसके अनुरूप ही राज्य को आगे बढ़ाया जायेगा। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि जो राज्य आन्दोलनकारी चिन्हीकरण में छूट गये हैं उन्हें 31 दिसम्बर 2021 तक उन राज्य आन्दोलनकारियों के चिन्हीकरण की व्यवस्था की जायेगी। चिन्हित राज्य आन्दोलनकारी जिन्हें 3100 रूपये प्रतिमाह पेंशन अनुमन्य की गई है, उनकी मृत्यु के पश्चात उनके आश्रितों, पति/पत्नी को भी 3100 रूपये प्रतिमाह पेंशन दी जायेगी। विभिन्न विभागों में कार्यरत राज्य आन्दोलनकारियों को सेवा से हटाये जाने के माननीय उच्च न्यायालय के आदेश पर राज्य सरकार पुनर्विचार याचिका दाखिल कर ठोस पैरवी करेगी। उद्योगों में नौकरी के लिए भी राज्य आन्दोलनकारियों को प्राथमिकता के लिए समुचित व्यवस्था की जायेगी। राजकीय अस्पतालों की तरह मेडिकल कॉलेजों में भी राज्य आंदोलनकारियों का निःशुल्क ईलाज किया जायेगा।

मुख्यमंत्री धामी ने राज्य आन्दोलनकारी व् पूर्व नगर पालिका के अध्यक्ष स्व0 हुक्म सिह पँवार की पत्नी 74 वर्षीय सरोज पँवार से आश्रीवाद लिया औऱ उनके हाल भी जाना। गौरतलब है कि पँवार परिवार का उत्तराखण्ड राज्यान्दोलन में बड़ी भूमिका रही, हुकम सिंह पँवार राज्य की लड़ाई में बरेली जेल में रहे औऱ उनके बेटे राजेन्द्र पँवार 2 सिम्बर 1994 को मसूरी में पुलिस की गोली से घायल हुए थे। जिनके लम्बे समय तक दिल्ली में इलाज चला । केंद्रीय राज्यमंत्री अजय भट्ट ने कहा कि अगर आज इन शहीदों ने अपना बलिदान न दिया होता तो राज्य की अवधारणा ही पैदा नहीं होती आंदोलन करियों के योगदान शहीदों के बलिदान से ही यह राज्य मिला है उनकी हमेशा कोशिश होती है कि हर साल 1 सितंबर खटीमा औऱ 2 सितंबर को वह मसूरी शहीदों को नमन करने जरूर पहुँचते हैं। भट्ट ने कहा राज्य आंदोलन को उन्होंने बहुत करीब से देखा है तत्कालीन समय की पुलिस की बर्बरता से हमने कई लोगो को उसवक्त खो दिया था उन पवित्र आत्माओं को हमेशा याद किया जता रहेगा।

इस मौके पर मंच का संचालन कर रहे पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल ने कहा कि इतिहास गवाह है कि मसूरी के लोगो ने राज्य निर्माण में अपनी अहम भूमिका निभाई औऱ 6 लोगो ने अपने प्राणों की आहुति दी। मल्ल ने फोटोग्राफर स्व हरि सिंह गुनसोला को याद करते हुए कहा कि उनकी हिम्मत थी कि पुलिस फायरिंग के बीच 1994 में उन्होंने उस सारे गोली कांड को अपने कैमरे में कैद किया था। उसके बाद ही तामम बड़े अखबारों औऱ बाद में कोर्ट ने उन छाया चित्रों को अधार मानते हुए आंदोलन कारियों के परिवारों को मुआवजा देने के लिए सरकार को निर्देशित किया था अपनी जान की परवाह किए बगैर हरि सिंह ने जो काम किया उसके लिए उन्हें सदा याद किया जाएगा। हालांकि मसूरी गोलीकांड के बाद तत्कालीन पुलिस द्वारा उनका उत्पीड़न भी किया गया जिसके लिए उन्हें उस वक्त अपना घर औऱ छोटे बच्चो को छोड़कर कई दिनों तक फरारी काटनी पड़ी और बाद में भी उन्हें थाने बुलाकर घण्टो पूछताछ की जाती रही पर वह अपनी बात पर अडिग रहे , औऱ टस से मस नही हुए ऐसे थे स्व0 हरि सिंह गुनसोला। जिसके द्वारा ली गई फ़ोटज पर आंदोनकारियो का चिन्हित किया गया लेकिन सरकारों की उपेक्षा के चलते उन्हें कभी आंदोलनकारी का सम्मान नहीं मिला। आज वह हम सब के बीच में नहीं है यह बात भी उनके मन मे ही चली गई अपने औऱ परिवार के लिए उन्हों कुछ नही माँगा जब कि उनकी पहचान के पुलिस में बड़े बड़े अधिकारी भी थे पूर्व डीजीपी अनिल रतूड़ी , उनकी पत्नी राधा रतूड़ी से उनके परिवारिक रिश्ते रहे हैं ,सेना में सेवानिवृत्त डीजीएमओ अनिल भट्ट भी उनके मित्रों में एक थे वह चाहते तो उस वक्त उनको कह के अपने को राज्यान्दोलनकारि घोषित करवा सकते थे। राधा रतूड़ी तिवारी सरकार में जिलाधिकारी देहरादून भी रही लेकिन हरि सिंह गुनसोला ने कभी भी इस बाबत उनसे कोई बात नहीं की ।

इस मौके पर पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला, जयप्रकाश उत्तराखण्डी, बीजेपी मसूरी मंडल के अध्यक्ष मोहन पेटवाल, महामंत्री कुशाल सिंह राणा, शहर कांग्रेस  अध्यक्ष गौरव अग्रवाल, मसूरी ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत अग्रवाल, महामंत्री जगजीत कुकरेजा, अनिल गोदियाल, राजेंद्र सिंह रावत, समाज सेवी मनीष गोनियाल  डॉ सोनिया आनंद रावत सहित भाजपा महिला मोर्चा मसूरी अध्यक्ष पुष्पा पडियार, प्रोमिला नेगी, राजश्री रावत, पूर्व सभासद बीना पँवार, विजेंद्र पुंडीर, उतराखण्ड क्रांति दल की प्रदेश महिला अध्यक्ष प्रमिला रावत , पालिका सभासद प्रताप पँवार, दर्शन रावत, कुलबीर रौंछेला, होटल वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष आर पी बडोनी, राज्यान्दोलनकारी देवी गोदियाल, वीरेंद्र राणा, नर्वदा नेगी ,संजय कुमार, अनिल गोयल सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।

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