ऋषिकेश तीर्थ नगरी ऋषिकेश के प्रमुख धर्माचार्यों के संगठन विरक्त वैष्णव मंडल समिति ने महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास महाराज को समिति का सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना है।स्वामी रामानंदाचार्य जयंती महोत्सव के अवसर पर श्री रामानंद संत सेवा आश्रम आनंद में संत सम्मेलन का आयोजन किया
ऋषिकेश
तीर्थ नगरी ऋषिकेश के प्रमुख धर्माचार्यों के संगठन विरक्त वैष्णव मंडल समिति ने महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास महाराज को समिति का सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना है।स्वामी रामानंदाचार्य जयंती महोत्सव के अवसर पर श्री रामानंद संत सेवा आश्रम आनंद में संत सम्मेलन का आयोजन किया गया। समेलन में महामंडलेश्वर स्वामी ईश्वर दास महाराज की अध्यक्षता में श्रीराम तपस्थली ब्रह्मपुरी के महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास महाराज को विरक्त वैष्णव मंडल मंडल समिति का अध्यक्ष चुना गया। महंत ईश्वर दास महाराज ने कहा कि स्वामी दयाराम दास महाराज की श्री राम जन्मभूमि आंदोलन ही नहीं बल्कि सनातन धर्म, गौ रक्षा को लेकर हुए आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। समूचे देश में वह सनातन धर्म का सक्रिय रूप से प्रचार प्रसार कर रहे हैं।
समिति के अध्यक्ष बनने पर महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास महाराज ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि और ऋषि मुनियों की तपोस्थली है। इसका आध्यात्मिक स्वरूप बनाए रखने के लिए वह सक्रिय रूप से पहल करेंगे। तीर्थ क्षेत्रों में मांस मदिरा की बिक्री को लेकर की संत समाज चिंतित है। इसे लेकर शासन से वार्ता की जाएगी। उन्होंने सरकार से यह भी मांग की कि उत्तराखंड के मठ, मंदिर और आश्रम के संरक्षण के लिए सरकार कठोर कदम उठाए। वहीं उन्होंने कहा कि यहां की धार्मिक संस्थाओं को पिछले कुछ वर्षों में खुर्द-बुर्द करने की घटनाओं में वृद्धि हुई है। इस पर सरकार सख्ती के साथ रोक लगाएं। विरक्त वैष्णव मंडल की ओर से उन्होंने आश्वस्त किया कि जोशीमठ आपदा में संत समाज वहां के नागरिकों के साथ हैं। शंकराचार्य की तपस्थली जोशीमठ हो सुरक्षित रखने के लिए सरकार को और प्रभावी कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। इस अवसर पर महामंडलेश्वर वृंदावन दास महंत गणेश दास, स्वामी डा. नारायण दास,महंत रवि प्रपन्नाचार्य, महंत सुखबीर सिंह, केशव स्वरूप ब्रह्मचारी, महंत जगदीश दास, महंत बलवीर सिंह, वैदिक ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष गंगाराम व्यास, महंत अमर दास आदि मौजूद रहे।
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