उत्तरकाशी देवस्थानम बोर्ड पर रार अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है, अभी तक सरकार द्वारा कोई निर्णय ना लिए जाने से नाराज गंगोत्री-यमुनोत्री के तीर्थ पुरोहितों ने अब तीरथ सरकार को दो टूक बोल दिया है कि अगर देवास्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार नहीं
उत्तरकाशी
देवस्थानम बोर्ड पर रार अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है, अभी तक सरकार द्वारा कोई निर्णय ना लिए जाने से नाराज गंगोत्री-यमुनोत्री के तीर्थ पुरोहितों ने अब तीरथ सरकार को दो टूक बोल दिया है कि अगर देवास्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार नहीं किया गया। तो आगामी 2022 में विधानसभा चुनाव में इसका खामियाजा भुगतने के लिए भी तैयार रहें। तीर्थ पुरोहितों ने चेतावनी दी है कि तीर्थ पुरोहितों का बहुत बड़ा दायरा है। इसलिए प्रदेश सरकार असमंजस की स्थित न रखें और उनके हकहकूको को सुरक्षित रखें। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित बीती 11 जून से देवास्थानम बोर्ड के विरोध में काली पट्टी बांधकर दोनों धामो में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं । तो वहीं अब गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों ने गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के साथ मां गंगा और यमुना के शीतकालीन प्रवास मुखबा और खरसाली में भी अनिश्चितकालीन क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है और कहा कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो आगे उग्र आंदोलन किया जाएगा।
गौरतलब है कि गंगोत्री और यमुनोत्री के तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि मुख्यमंत्री की और देवास्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार करने की घोषणा की गई थी। वहीं पूर्व में डेढ़ वर्ष से तीर्थ पुरोहित देवास्थानम बोर्ड का विरोध कर रहे हैं। उसके बाद कई बार सरकार के नुमाइंदों ने कहा था कि तीर्थ पुरोहितों के साथ टेबल टॉक होगी, जिसमें पुरोहितों के हक-हकूकों और अधिकारों पर चर्चा होगी। लेकिन सरकार ने अभी तक कोई सकारात्मक रवैया नहीं अपनाया है। जिससे अब तीर्थ पुरोहितों ने अब सरकार से दो टूक बोलते हुए आगामी चुनाव में परिणाम भुगतने कि चेतावनी तक दे दी है। यमुनोत्री मन्दिर समिति के पुर्व उपाध्यक्ष पवन उनियाल, प्रकाश सेमवाल, तीर्थ पुरोहित, गंगोत्री धाम और दीपक सेमवाल, सचिव गंगोत्री मन्दिर समिति ने कहा कि सरकार पुरोहितों के हक़ हकूक के लिए गंभीर नहीं दिख रही है अगर जल्द निर्णय नहीं होता है तो आगे उग्र आन्दोलन के लिए उन्हें मजबूर होना पड़ेगा।
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