ऋषिकेश महिलाएं अगर कुछ कर गुजरने की ठान लें तो वो उसे पूरा करके ही दम लेती हैं। ऐसा ही कुछ ग्रामसभा गढ़ी मयचक की महिलाओं ने कर दिखाया है। उत्तराखंड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत प्रतिज्ञा महिला ग्राम संगठन की ओर से ग्रामसभा
ऋषिकेश
महिलाएं अगर कुछ कर गुजरने की ठान लें तो वो उसे पूरा करके ही दम लेती हैं। ऐसा ही कुछ ग्रामसभा गढ़ी मयचक की महिलाओं ने कर दिखाया है। उत्तराखंड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत प्रतिज्ञा महिला ग्राम संगठन की ओर से ग्रामसभा गढ़ी मयचक में पूस मेले का आयोजन किया गया। महिलाओं ने इस आयोजन में घरेलू बचत का पैसा खर्च कर स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता का संदेश दिया। मेले में आए पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद रमेश पोखरियाल निशंक और जिला पंचायत देहरादून की अध्यक्ष मधु चौहान ने इस दौरान मेले का निरीक्षण किया और महिलाओं की मेहनत पर उनको शुभकामनाएं दी।
ग्रामसभा गढ़ी मयचक की प्रतिज्ञा ग्राम संगठन की महिलाओं ने मंगलवार को एक दिवसीय पूस के मेले का शानदार आयोजन किया। पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड व सांसद रमेश पोखरियाल निशंक,जिला पंचायत अध्यक्ष देहरादून मधु चौहान ने समूह की महिलाओं का उत्साह बढ़ाया। तो वहीं सांसद निशंक ने यहां सामुदायिक भवन के लिए पांच लाख रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि आसपास क्षेत्र की जनता को चाहिए कि वह इन समूह की महिलाओं से ही समान खरीदें और हमारे क्षेत्र की महिलाओं का उत्साहवर्धन हो। भविष्य में स्वरोजगार के अवसर हमारे क्षेत्र की महिलाओं को मिल सके।
मेले का मुख्य आकर्षण मिक्स अचार, वूलन, फैंसी ड्रेस,वूलन स्वेटर, डेकोरेटिव आइटम्स, मूंग दाल पकौड़ी, बनाना चिप्स, दही भल्ले,आरसे, रोट, नमकीन, पापड़, चौलाई के लड्डू सहित अन्य उत्पाद रहे। पहाड़ी व्यंजन को खरीदने के लिए यहां खासी संख्या में लोग पहुंचे। विशुद्ध रूप से महिलाओं के स्वयं के इस आयोजन में खंड विकास कार्यालय व अन्य सरकारी विभागों की उदासीनता चर्चा का विषय बनी रही। कार्यक्रम का संचालन कर रहे सामाजिक कार्यकर्त्ता रमन रांगढ़ ने बताया कि एक दिवसीय मेले में क्षेत्र के 11 महिला सहायता समूह के सदस्य शामिल हुए।
इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य रीना रांगढ़, संजीव चौहान, दिव्या बेलवाल, पूर्व जिला पंचायत सदस्य विमला नैथानी, महावीर उपाध्याय, लक्ष्मण सिंह चौहान, स्वरूप सिंह पुंडीर, प्रदीप धस्माना, दिनेश पयाल, कुसुम जोशी, नरेंद्र रावत, मंजू बलोदी आदि मौजूद रहे।
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