देहरादून तमिलनाडु के कुन्नूर हैलीकॉप्टर हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 13 लोगों की मौत हो गयी है। देश सहित उत्तराखंड में शोक की लहर दौड़ गयी है। वायुसेना ने ये दुःखद खबर साझा की है। जिसपर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,रक्षा
देहरादून
तमिलनाडु के कुन्नूर हैलीकॉप्टर हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 13 लोगों की मौत हो गयी है। देश सहित उत्तराखंड में शोक की लहर दौड़ गयी है। वायुसेना ने ये दुःखद खबर साझा की है। जिसपर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, यूपी के सीएम योगी आदित्य नाथ समेत अनेक गणमान्य लोंगो ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। सीडीएस जनरल रावत के उत्तरखंड के होने के कारण भी उत्तराखंड में उनके निधन से गहरा धक्का लगा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी अपनी संवेदनाएं व्यक्त की है। कल से होने वाले उत्तराखंड विधानसभा सत्र के पहले दिन सदन में जनरल रावत को श्रद्धांजलि दी जाएगी उसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित रहेगी। वहीं अगले 3 दिनों के लिए राज्य सरकार ने राजकीय शोक घोषित की है। जिसके तहत उत्तराखंड राज्य में 9,10 और 11 दिसंबर 2021 को राजकीय शोक घोषित करने को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए हैं।
आज दोपहर को वायुसेना का एक हेलीकॉप्टर तमिलनाडु के कुन्नूर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हेलीकॉप्टर में देश के पहले सीडीएस बिपिन रावत पत्नी मधुलिका रावत भी सवार थे। वह एक कार्यक्रम के सिलसिले में ऊटी के वेलिंग्टन आर्मी कॉलेज जा रहे थे। इस बीच कुन्नूर के जंगल में हादसा हो गया। दोपहर हैलीकॉप्टर क्रैश की खबर के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सीडीएस बिपिन रावत समेत उनके रिश्तेदार और सेना के अधिकारी दिल्ली स्थित घर पर पहुंचे थे लेकिन सायं तक उनके निधन की खबर से पूरा देश सदमें में हैं।
उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले बिपिन रावत की शुरुआती स्कूली पढ़ाई शिमला के एडवर्ड स्कूल में हुई। सेना से जुडाव कि प्रेरणा उन्हें अपने पिता एलएस रावत से मिली जोकि सेना में बड़े अधिकारी थे और सेना के डिप्टी चीफ के पद से रिटायर हुए थे। 1978 में देहरादून स्थित इंडियन मिलिट्री एकेडमी से पास आउट होने पर 11वीं गोरखा राइफल्स की 5वीं बटालियन में कमीशन के लिए चयन हुआ और उन्हें स्वॉर्ड ऑफ ऑनर भी मिला था। अपने कार्यकाल में सीडीएस बिपिन रावत को उनके पूरे करियर में अनेकों सम्मान से नवाजा जा चुका है, जिनमें अति विशिष्ट सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल और सेना मेडल आदि जैसे कई सम्मान शामिल हैं। सीडीएस और सेना प्रमुख की जिम्मेदारी संभालने से पहले बिपिन रावत ने दक्षिणी कमान के कमांडर और सहसेनाध्यक्ष का पदभार भी संभाला था। इसके अलावा उन्हें कांगो में यूएन के पीस कीपिंग मिशन में मल्टीनेशनल ब्रिगेड की कमान संभालने के साथ-साथ यूएन मिशन में सेक्रेटरी जनरल और फोर्स कमांडर जैसे महत्वपूर्ण पदों पर तैनात किया जा चुका है। सीडीएस बिपिन रावत को मिलिट्री मीडिया स्ट्रैटिजिक स्टडीज पर शोध के लिए डॉक्टरेट की उपाधि से भी नवाजा जा चुका है। उरी में सेना के कैंप पर हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने तत्कालीन जनरल बिपिन रावत के ही नेतृत्व में 29 सितंबर 2016 को पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक की थी। यही नहीं म्यांमार में जून 2015 में मणिपुर में आतंकी हमले में 18 सैनिक शहीद हुए जिसके बाद 21 पैरा कमांडो ने सीमा पार जाकर म्यांमार में आतंकी संगठन एनएससीएन के कई आतंकियों को ढेर किया, उस वक्त 21 पैरा थर्ड कॉर्प्स के अधीन थी जिसके कमांडर बिपिन रावत ही थे।
Leave a Comment
Your email address will not be published. Required fields are marked with *