पतंजलि आयुर्वेद, निम एवं आई.एम.एफ. के संयुक्त ट्रैकिंग अभियान दल को मुख्यमंत्री धामी व् बाबा रामदेव ने किया रवाना।

पतंजलि आयुर्वेद, निम एवं आई.एम.एफ. के संयुक्त ट्रैकिंग अभियान दल को मुख्यमंत्री धामी व् बाबा रामदेव ने किया रवाना।

उत्तरकाशी गंगोत्री धाम के दौरे पर आए प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज उत्तरकाशी में रक्तवन ग्लेशियर एवं अन्य तीन पर्वत चोटियों पर आरोहण अभियान के लिए जा रहे पतंजलि आयुर्वेद, निम एवं आई.एम.एफ. के संयुक्त अभियान दल का फ्लैग ऑफ किया। 15

उत्तरकाशी

गंगोत्री धाम के दौरे पर आए प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज उत्तरकाशी में रक्तवन ग्लेशियर एवं अन्य तीन पर्वत चोटियों पर आरोहण अभियान के लिए जा रहे पतंजलि आयुर्वेद, निम एवं आई.एम.एफ. के संयुक्त अभियान दल का फ्लैग ऑफ किया। 15 दिन के इस अन्वेषण अभियान का नेतृत्व आचार्य बालकृष्ण करेंगे। इस अवसर पर उन्होंने मुख्यमंत्री ने गंगोत्री धाम में पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की और मां गंगा का आशीर्वाद लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने करीब 1 किलोमीटर रक्तवन ग्लेशियर जा रहे दल के साथ ट्रैकिंग भी की। उन्होंने आयोजित कार्यक्रम में मां गंगा की निर्मलता,अविरलता और स्वच्छता को लेकर शपथ भी दिलाई। इस अवसर उन्होंने कहा कि पतंजलि आयुर्वेद, निम एवं आई.एम.एफ. का संयुक्त ट्रैकिंग अभियान उत्तराखंड राज्य एवं भारतवर्ष के लिए मील का पत्थर साबित होगा साथ ही आयुर्वेद, जड़ी बूटी एवं वनस्पतियों और औषधियों के नए रुप सामने आएंगे। यह अभियान आयुर्वेद, जड़ी बूटी में क्षेत्र में भी सहायता करेगा। उन्होंने कहा भारत ने संपूर्ण विश्व को योग एवं आयुर्वेद कि उपयोगिता को बताया है। धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने संकल्प लिया है कि हम उत्तराखंड को विश्व की सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक राजधानी बनाएंगे।

इस दौरान योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड आध्यात्म एवं सांस्कृतिक राजधानी बनने जा रहा है। उत्तराखंड दुनिया का आयुर्वेद के क्षेत्र में नेतृत्व करें इसके लिए पतंजलि, सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रही है। जिसके लिए हम 1 हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश करेंगे। उन्होंने कहा कि धामी के नेतृत्व में ही देश में सबसे पहले उत्तराखंड राज्य, समान नागरिक संहिता लागू किए जाने पर कार्य कर रहा है।
आचार्य बालकृष्ण ने कहा इस अभियान के तहत हमारे द्वारा प्रकृति को संस्कृति से जोड़ने का प्रयास किया जा है। उन्होंने कहा निश्चित ही इस अभियान से हम सभी नया आयाम व मुकाम लेकर लौटेंगे। इस ट्रैक के माध्यम से ऐसी वनस्पतियां औषधियां जो किसी सूची में नही है, उन्हें खोजने का काम करेंगे, उन्हेंने इस यात्रा ट्रैक को शोध आधारित यात्रा बताया।

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